कक्षा 10 इतिहास पाठ 3 विश्व के प्रमुख दर्शन Notes & Important Question Answer
Chapter Notes दर्शन, सत्य एवं ज्ञान की खोज करता है। दर्शन के द्वारा कुछ तत्व व सिद्धांत प्रतिपादित होते हैं। दर्शन का जन्म अनुभव एवं परिस्थिति के अनुसार होता है। धर्म उन को क्रियान्वित करता है। सभी दर्शन की उपासना पद्धतियां अलग-अलग हैं लेकिन सभी दर्शनों का एक ही लक्ष्य है और वह है दु:खों के मूल कारण से मनुष्य को मुक्ति दिला कर उसे मोक्ष की प्राप्ति करवाना। धर्म का अर्थ एवं लक्षण — वैदिक दर्शन के अनुसार मनुष्य के जीवन को आध्यात्मिक व भौतिक दृष्टि से उन्नत करने के लिए चार पुरुषार्थ ( धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) की व्यवस्था का उल्लेख मिलता है। इन पुरुषार्थों में धर्म मुख्य है। धर्म व अनुष्ठान है जिससे चेतना का शुद्धिकरण होता है। शास्त्रों में धर्म के 10 लक्षण बताए गए हैं — धृति – धैर्य क्षमा – माफ करना संयम – वासनाओं पर नियंत्रण अस्तेय – चोरी न करना शुचिता – अंदर व बाहर की पवित्रता इन्द्रिय निग्रह – इंद्रियों को वश में करना धी – बुद्धिमता का सत्य प्रयोग विद्या – ज्ञान की जिज्ञासा ( सत्य, असत्य का ज्ञान ) सत्य – मन, कर्म, वचन से सत्य को धारण करना अकरोध – क्रोध न करना पंथ – किसी व्यक्ति तथा उस...