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Showing posts from November, 2023

कक्षा 10 इतिहास पाठ 7 उपनिवेशवाद एवं साम्राज्यवाद

Chapter Notes सोलहवीं सदी में पुनर्जागरण एवं धर्म सुधार आंदोलन के परिणामस्वरूप यूरोप का राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक जागरण हुआ। इस जागरण से विश्व में आधुनिक युग की शुरुआत हुई जिसका नेतृत्व यूरोप ने किया। अपने तैयार माल को बेचने एवं अपने उद्योगों के लिए कच्चा माल प्राप्त करने के लिए यूरोप के देश एशिया एवं अफ्रीका के विशाल भू-भागों की तरफ आकर्षित हुए व इन भागों पर अपना आर्थिक एवं राजनीतिक आधिपत्य स्थापित करने का प्रयास करने लगे। इसी आधिपत्य के प्रयासों को उपनिवेशवाद एवं साम्राज्यवाद का नाम दिया जाता है। उपनिवेशवाद – किसी शक्तिशाली देश द्वारा दूसरे निर्बल और गरीब देशों को अपने अधीन लेकर उनसे आर्थिक लाभ उठाने की प्रवृति उपनिवेशवाद कहलाती है। इसका मुख्य आधार वाणिज्यवाद था। इस प्रकार की नीति का अनुसरण यूरोप में सामान्यतः 1500 ई. से 1750 ई. के बीच किया गया। उन्नीसवीं शताब्दी में इसे साम्राज्यवाद नाम दिया गया। इस काल में यूरोप के लोगों ने विश्व के विभिन्न भागों में उपनिवेश बनाये। इस काल में उपनिवेशवाद में विश्वास के मुख्य कारण थे : लाभ कमाने की लालसा। मातृदेश की शक्ति बढ़ाना। मातृदेश ...

Class 10 History Chapter 7 Colonialism and Imperialism

Chapter Notes The political, social, religious and economic awakening of Europe took place in the sixteenth century as a result of the Renaissance and the Reformation Movement. This awakening marked the beginning of the modern era in the world, which was led by Europe. As a result of this awakening, great changes took place in the methods of farming and in the fields of production in Europe and especially in England, where there was a large amount of surplus production. In order to sell their finished goods and obtain raw materials for their industries, European countries were attracted to the vast territories of Asia and Africa and tried to establish their economic and political hegemony over these parts. The efforts of this hegemony are given the names of colonialism and imperialism. In the present chapter, we shall study the causes of colonialism and imperialism, their nature, their extent and effects. Let’s Learn: Key Points of Study Meaning of imperialism and colonialism a) Condit...

कक्षा 10 इतिहास पाठ 6 भारत पर विदेशी आक्रमण

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  Chapter Notes ➤ मोहम्मद बिन कासिम का आक्रमण – आठवीं शताब्दी ➤ महमूद गजनवी के आक्रमण – ग्यारहवीं शताब्दी ➤ मुहम्मद गौरी के आक्रमण – बारहवीं शताब्दी ➤ मंगोलों के आक्रमण – तेरहवीं तथा चौदहवीं शताब्दी ➤ तैमूर के आक्रमण – चौदहवीं शताब्दी ➤ बाबर के आक्रमण – सोलहवीं शताब्दी ➤ नादिरशाह के आक्रमण – अठारहवीं शताब्दी ➤ अहमदशाह अब्दाली के आक्रमण – अठारहवीं शताब्दी भारत प्राचीन काल से सभ्य, विकसित और उन्नत देश रहा है। भारत की गिनती दुनिया में सबसे अमीर व संपन्न देशों में होती थी। जिस कारण उसे ‘सोने की चिड़िया’ भी कहते थे। भारत अपनी समृद्धि व सोने की प्रचुरता के कारण विश्व में प्रसिद्ध था। जिस कारण विदेशी आक्रमणकारी भारत को लूटने के लिए भारत पर आक्रमण करते थे। भारत पर विदेशी आक्रमण – पश्चिम से भारत में प्रवेश करने के तीन मुख्य मार्ग थे। समुद्र मार्ग से पश्चिमी तट पर पहुँचना। उत्तर पश्चिम में खैबर, गोमल एवं बोलन के दरों का मकरान मरु प्रदेश का समतली भाग। इन मार्गों से ही विदेशी भारत में दाखिल होते थे। दर्रा :  पहाड़ो एवं पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले...

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