Chapter Notes भारत को 15 अगस्त, 1947 ई. को अंग्रेजों से स्वतंत्रता प्राप्त हुई। भारत पर अंग्रेजों ने 190 वर्षों तक शासन किया। भारत की स्वतंत्रता के साथ ही देश का साम्प्रदायिक विभाजन भी हुआ। यह अंग्रेजों की ‘फूट डालो राज करो’ की नीति का परिणाम था। जिन्ना के ‘द्वि-राष्ट्र सिद्धांत’ के कारण देश के बटवारे की मांग की। लेकिन स्वतंत्रता के प्रयास में लगे बड़े-बड़े नेताओं द्वारा साम्प्रदायिकता को कम करके आँका गया। इसी कारण वे देश के विभाजन का अंदाजा नहीं लगा सके। अंत में यही साम्प्रदायिकता भारत के विभाजन का कारण बने। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद के पांच दशक के इतिहास का वर्णन निम्न प्रकार से किया जा सकता है : देश का विभाजन – भारत की स्वतंत्रता के साथ ही देश का दुखद विभाजन भी हुआ। देश का विभाजन होने के कारण उत्तर-पश्चिमी सीमान्त क्षेत्र, पश्चिमी पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और पूर्वी बंगाल को मिलाकर पाकिस्तान का निर्माण किया गया। भारत की तरफ से मुस्लिम आबादी का एक बड़ा हिस्सा नये बने पाकिस्तान में जाना था। वही पाकिस्तान के हिस्से में गए क्षेत्र से अधिकतर हिन्दुओं, सिक्खों व अन्य को भारत में आना था। यह...